17वें लोकसेवा दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोक सेवकों को संबोधित किया. ये कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और नागरिकों की दूरी 10 साल में कम हुई है.उन्होंने लोक सेवकों से आग्रह किया कि उन पर बहुत दायित्त्व है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए लोक सेवकों को काम करना है.
इस साल का थीम ‘हॉलिस्टिक डवलपमेंट ऑफ इंडिया’ है. मोदी ने कहा कि ये सिर्फ थीम नहीं बल्कि वादा है. उन्होंने नो विलेज लेफ्ट बिहाइंड, नो फैमिली लेफ्ट बिहाइंड, नो सिटिजेन लेफ्ट बिहाइंड का मंत्र सिविल सेवकों को दिया. साथ ही, हर गांव को डिजिटल इकोनॉमी का लाभ दिलाने पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने राजकोट, तिनसुकिया, कोरापुट जैसे लिजों में आए बदलाव पर अधिकारियों की तारीफ की. साथ ही, इस दिशा में मजबूती से काम करने को कहा.
उपलब्धियों का जिक्र PM ने किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि “बीते दस सालों में भारत ने इंक्रिमेंटल चेंज से इमपैक्टफुल ट्रांसफॉर्मेशन तक का सफर देखा है. हम टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के जरिये सरकार और नागरिकों के बीच की दूरी समाप्त कर रहे हैं. इसका असर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ दूर-दराज के इलाकों में भी दिख रहा है. बिहार के भागलपुर के जगदीशपुर ब्लॉक, जम्मू कश्मीर के मारवा ब्लॉक, झारखंड के गिरिडीह के ब्लॉक के कुछ उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दूर-दराज के इलाके में भी सही इरादे से बदलाव संभव है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि “भारत आज सिर्फ ग्रोथ की वजह से नहीं जाना जा रहा बल्कि गवर्नेंस, ट्रांसपरेंसी और इनोवेशन के बेंचमार्क भी आज भारत तय कर रहा है. जी20 के समय 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा मीटिंग, ये जी20 के भी इतिहास में पहली बार हुआ. दुनिया ने माना कि भारत सिर्फ जी20 में हिस्सा नहीं ले रहा है बल्कि वो इसका नेतृत्व कर रहा है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम कंपलायेस का बोझ कम करने का काम कर रहे थे, तो कुछ कोने में विरोध के स्वर भी उठा करते थे, कई लोग कहते थे कि आज तक नहीं हुआ, आप क्यों कर रहे हैं, पर हमने किया.
नागरिक देवो भवः का मंत्र
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ठभारत का इज ऑफ डूइिंग बिजनेस में काफी सुधार हुआ है. हमें राज्यों के स्तर पर लालफीताशाही की परिस्थितियों को खत्म करना है. भारत अब दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है. ऐसे में अंतिम व्यक्ति तक मूलभूत चीजों को पहुंचाने की कोशिश सिविल सेवकों की होनी चाहिए. सिविल सर्विस को आज की चुनौतियों के लिहाज से अपने आप को बेहतर करना होगा, नई कसौटी बनानी होगी ताकि वो बदलते समय के साथ खुद को प्रासंगिक रख सकें.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि “तकनीक की ताकत के साथ आगे बढ़ना है. दस साल में चार करोड़ घर बनाए, अभी तीन करोड़ नए घर बनाने का लक्ष्य हमारे सामने हैं. हमने 5-6 सालों में 12 करोड़ घरों को नल से जोड़ा. अब हमें हर घर को नल जल योजना से जोड़ना है.” प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि तेजी से बदलते तकनीक वाले समय में भी मानवीय रहें, संवेदनशील रहें, गरीब की आवाज सुनें, उनकी तकलीफ का समाधान अपनी प्राथमिकता बनाएं, नागरिक देवो भवः का मंत्र लेकर यहां से जाएं.