बर्खास्त ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक को बढ़ा दिया है. पहले गिरफ्तारी से राहत 21 अप्रैल तक के लिए दी गई थी, अब सुप्रीम कोर्ट ने 21 मई तक गिरफ्तारी पर सशर्त रोक बढ़ाई है. सुप्रीम कोर्ट ने पूजा खेडकर से कहा 2 मई को दिल्ली पुलिस के सामने पेश होकर जांच में सहयोग करें, नहीं तो हम गिरफ्तारी पर रोक हटाने का आदेश दे सकते हैं.
SC ने दिल्ली पुलिस से कहा कि पूजा खेडकर 2 मई को पेश होती हैं तो उन्हें गिरफ्तार ना किया जाए. इससे पहले SC ने खेडकर को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था. खेडकर पर UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ओबीसी और दिव्यांग कोटा का गलत लाभ उठाने और धोखाधड़ी करने का आरोप है.
21 मई तक न हो कोई कार्रवाई
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह भी कहा कि अगली सुनवाई की तारीख 21 मई तक खेडकर के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में कोई ठोस जांच नहीं हुई है और दिल्ली पुलिस को जांच तेजी से पूरी करने का निर्देश दिया.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि खेडकर से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है. खेडकर पर आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए 2022 यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है. उन्होंने अपने खिलाफ सभी आरोपों का खंडन किया है.
उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए, हाई कोर्ट ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला पाया और कहा कि व्यवस्था में हेरफेर करने की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए जांच की जरूरत है. अदालत ने कहा कि राहत देने से व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
दिल्ली पुलिस ने दर्ज की है एफआईआर
12 अगस्त, 2024 को जब हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया तो खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया गया. इसे समय-समय पर बढ़ाया गया. यूपीएससी ने खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की, जिसमें फर्जी पहचान के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल है. दिल्ली पुलिस ने भी उनके खिलाफ विभिन्न अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की है.